शीर्षक: “सीता: मिथिला की योद्धा” लेखक: अमीश त्रिपाठी
शैली: पौराणिक कल्पना/एडवेंचर
प्राचीन भारत के क्षेत्र में, जहाँ विभाजन, आत्मसमर्पण, और गरीबी का खतरा है, जबकि लोग अपने शासकों से नफरत करते हैं और भ्रष्ट और स्वार्थी अभूतपूर्व बढ़ रहा है, वहीं अमीश त्रिपाठी “सीता: मिथिला की योद्धा” में एक रोमांचक कथा बुनते हैं। जब लंका के राक्षस राजा रावण ने अपने पंजे को सप्त सिंधु के हथेली में बढ़ा रखा है।
इस अशांति के बीच, दो शक्तिशाली जनजातियाँ, भारत के दैवीय भूमि के संरक्षक, समझती हैं कि बस बहुत हो गया। उनकी खोज एक अद्वितीय शिशु की ओर बढ़ती है, जिसे एक गिद्ध ने हत्यारे भेड़ियों से बचाया। इस सामान्य सी बच्ची को मिथिला के शासक ने गोद लिया, एक अवहेलित और शोषित राज्य द्वारा अनदेखा किया जाता है। बहुत कम लोगों को यकीन है कि इस बच्ची से कुछ होगा। लेकिन ये गलत है।
क्योंकि वह कोई साधारिता लड़की नहीं है, वह है सीता।
“सीता: मिथिला की योद्धा” एक रोमांचक एडवेंचर है जो एक अनाथ बच्ची की रोमांचक कहानी को खोलता है, जो अपेक्षाएँ बदलकर प्रधानमंत्री बनती है, और अंत में, एक देवी बनती है। अमीश त्रिपाठी पढ़ने वालों को एक महाकाव्यिक सफलता के रूप में इस पुस्तक के माध्यम से पुनरागमन के लिए आमंत्रित करते हैं।

Sita: Warrior of Mithila by Amish Tripathi HINDI
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